Wednesday, January 9, 2019

फुरसत

अतिथि रचना
विषय   फुरसत
                 मुक्तक
हमारी  और  तुम्हारी  ये ही चाहत है।
तुम्हें  हमारी  हमें  तुम्हारी  आदत  है।
हमारा प्यार का ये ही सफर चलता रहें,
आज तुम्हें भी फुरसत हमें भी फुरसत है।।

तुम्हारी दोस्ती ही हमारी एक चाहत है।
तुम से ही ये जिंदगी अब मेरी सलामत है।
तुम्हें भी फुरसत है हमारी दोस्ती के लिए,
इसलिए मुझे तुमसे ही तो ये मोहब्बत है।।

बचपन मे जिंदगी की सबको चाहत होती है।
खिलती जवानी में सबको मोहब्बत होती है।
इस उम्र के ढलते की कहानी कुछ और होती,
जब बुढ़ापे में हमारे पास फुरसत होती है।।
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास
जिला -भीलवाड़ा
राज्य  -    राज. 311011
मोबाईल - 9950100169




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