बेटी
मैं बेटी बन कर नारी का श्रृंगार करती हूँ। मैं दुनिया पर कभी अपना अधिकार करती हूँ। मेरे से ही सजा हर परिवार हर रिश्ता भी, मैं हर रिश्ता निभा कर सबसे प्यार करती हूँ।। मोहित जागेटिया भीलवाड़ा राज.
No comments:
Post a Comment