" आंसू"
आखों से जब पानी
बहता है उसको हम
आंसू कहते है।
जब भी हमको को दर्द
होता है ये मन को हल्का
करने बहार आते है।
हर पीड़ा हो ये सहते है
हर खुशी में भी ये छलक
जाते है।
आंसू जन्म से हमारे साथ
होते हैं।बचपन मे भूख के आंसू
स्कूल,कॉलेज में सफलता एवं
असफलता के आंसू होते है।
जवानी में अपनी आशायें
निराशाएं के आंसू होते है।
बुढ़ापे में दर्द,पीड़ा के आंसू
हमारे साथ होते है।
गरीब के आंसू गरीबी के होते है
भूखा परिवार जब होता है जब
वो रोता है,किसान के आंसू
अपनी मेहनत पर फल नही मिलने
पर आते है।
अंत मे जाते है तो हमारे कर्मो
के निशान भी आंसू होते है
अगर लोगों के दिल मे जगह बनाई है
अंत समय ले जाते वक्त लोगों के
आँसू ही हमारी पहचान होते है।
मोहित
Thursday, January 10, 2019
आंसू
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment