मन अंदर का द्वेष मिटा कर बुराई की होली जलाएंगे।
हर गलत आदत त्याग कर हम हमेशा ही नफरत मिटायेंगे।
हम पाप की होली दहन कर प्रहलाद को अब बचाएंगे,
ये होली भाईचारे का त्यौहार है इसको मनाएंगे।।
खुशियों से भर जाएं हम सबकी झोली।
प्रेम की हो भाषा प्रेम की हो बोली।
गोपियों संग खेले कान्हा ये होली,
आप सबको मुबारक रंगों की होली।।
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