जिसने भी तुमको देखा
जिसने भी तुमको समझा
आज उनकी आँखें भी नम है।
तुम्हारी राष्ट्र प्रेम की अमर कहानी है
तुम्हारे हर कार्य की निशानी है
लेकिन अब तुम नही हो
इस का हमको गम है।
तुम्हारी सादगी का क्या कहना
हम पल साधारण सा रहना
ईमानदारी,कर्तव्यनिष्ठा
तुम्हारी पहचान थी।
बेदाग,सरल स्वभाव
होठों पर मुस्कान थी।
सबके मन को भी मनोहर
कर लिया।अंतिम सांस तक
गोवा की सेवा की ये ही तुम्हारी
जनसेवा थी।।।
हमेशा ही तुमको मुस्कराते देखा है।
सादगी से जीवन को बिताते देखा है।
कर्तव्यनिष्ठा से तुम इतने धनवान थे ,
अंत तक गोवा सेवा निभाते देखा है।।
##भावभीनी श्रद्धाजंली
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