Monday, March 11, 2019

कलम

कलम मेरी चलती रहें
कुछ न कुछ लिखती रहें
सच को सच झूठ को झूठ बतायें
दर्द हमेशा गाती रहें
गीत,गजल सुनाती रहें
हकीकत,हकीकत है ये बताती रहें।
गलत को आईना दिखायें
सच को सम्मान दिलायें
अपनों को अपनों से मिलायें।
शौर्य वीरता की कहानी लिखें
आँखों से बरसे वो पानी लिखें
अमर प्रेम की निशानी लिखें।।
नदियों झरनों का कल कल
अम्बर,निशा,रजनी भोर
सुहानी लिखें।
संस्कृति का ज्ञान,संस्कारों का सम्मान
एकता,प्रेम,विश्वास,भाईचारे का
हिन्दुस्थान लिखें।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

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