वो रस्सी भी अमर है
जिस रस्सी को तुमने चुम कर
अपने गले मे डाल दिया।
इस मुल्क की आजादी के लियें अपनी
जान कुर्बान वतन पर लुटा दी।
इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में
अपना नाम लिख कर
इस वतन को आजाद कर गयें।
इस वतन से मोहब्बत कर के
अमर शहीद तुम हो गयें।
खेली तुमने खून की होली
रंग दे बसंती का चोला पहन के
इस गुलशन हो सजा गयें तुम अपने लहुँ से
नमन है तुमको नमन तुम्हारे शौर्य को
जय हिंद भगतसिंह जय हिंद सुखदेव
जय हिंद राजगुरु जय जय हिन्दुस्थान
मोहित जागेटिया
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