Thursday, March 7, 2019

लेख नारी पर

      "नारी का जीवन और आज की नारी"

नारी शब्द की विवेचना मैं माँ शब्द से करता हूँ।माँ है तो बेटी,बहन,बहु है।इस सब से मिल कर के नारी बनती है।
नारी श्रद्धा,आस्था और विश्वास है।हर घर की शरुआत एक नारी से होती है।बिना नारी के कोई परिवार आगे नही बड़ता है।घर मे एक नारी माँ होती है।उस से ही परिवार आगे बड़ता है।
नारी के जीवन मे बहुत सी कठिनाइया आती है।एक नारी के जीवन की शरुआत से कठिनाइयों से होती है।एक माँ के पेट मे बच्चा बच्ची होता है तो वो नो महीने उसका पेट मे ख्याल रखती है।हर प्रकार से ध्यान रखती है।बच्चा बच्ची के जन्म के समय न जाने कितना दर्द सहन करती है।उसकी कोई सीमा नही है।उसको में शब्दों में नही बता सकता हूँ।
जन्म के बाद उसको कैसे पाला जाता है। उसका सारा ख्याल रखती है।जन्म से बाद एक बच्ची परिवार में ढलती है।जैसे जैसे एक बेटी बड़ी होती है।उसके जीवन मे भी मुसीबते शरू हो जाती है।वो आगे कैसे क्या करेगी ये माता पिता दोनु के जीवन मे एक सोच होती है और खुद बेटी ये ही सोचती है पढ़ाई के लिए कहि बाहर जाना होगा तो कैसे कैसे क्या होगा,कैसे बाहार के वातावरण में डला जाएगा।फिर भी एक बेटी सारी कठिनाइयों का डट के मुकाबला करती है।जब बेटी बड़ी होती है तो माता पिता को उनके आगें के जीवनी की सोचने लगते है।बेटी भी ये ही सोचती है मुझे आगे कैसा परिवार मिलेगा जैसा पति मिलेगा।ये ही सोच एक बेटी की होती है ।जब एक बेटी घर परिवार छोड़ के दूसरे परिवार में जाती होगी तो उस पर कैसे क्या बीतती होगी।जिनके साथ वो जन्म से साथ रही आज एक पल कैसा आता है हर बेटी के लिए जब वो अपना घर छोड़ कर दूसरे घर जाती होगी।कैसे वो अपने माता पिता का दुलार को भुलाती होगी,कैसे वो भाई का प्यार याद रखती होगी।अपने परिवार की यादों को कैसे छोड़ सकती है।
जब कोई बेटी बहु बनती है तो उसकी जिंदगी की नई शरुआत होती है।पहले तो उसको खुद को अपने को नये परिवार में ढालना होता है।नई जिम्मेदारिया होती।वो परिवार में नई नई होती है तो हर प्रकार से समझना पड़ता है।परिवार की जिम्मेदारिया का कर्तव्य निभाना पड़ता है।घर परिवार का सारा काम करना पड़ता है।बच्चों का ख्याल रखना पड़ता है।घर परिवार का काम कम नही होता एक नारी के लिये।तभी तो नारी को शक्ति कहाँ गया।वो हर प्रकार की सहन शक्ति होती है।हर प्रकार की कठिनाइयों को सहन करती है।अपने घर परिवार को छोड़ने के बाद दूसरे घर का कर्तव्य को निभाना।अपने घर का सारा काम करना ।एक नारी ही कर सकती है।नारी भक्ति भी होती है।नारी सीता,लक्ष्मी,सरस्वती,दुर्गा का रूप है।
आज नारी के जीने का तरीका बहुत बदल गया है।आज नारी शिक्षा के क्षेत्र में आगें बड़ रही है।आज की नारी भी आधुनिक हो रही है।आज नारी हर क्षेत्र में काम करने लगी है।पहले नारी को परिवार वाले आगे नही बड़ने देते।पर आज नारी को पढ़ा लिखा कर घर परिवार वाले ही आगे बडाते है।नारी का इतिहास भी महान रहा है।एक वो नारी ही थी राधा जिसने प्रेम को प्रेम बनाया।दुनिया को बताया प्रेम कैसे किया जाता है।एक वो नारी मीरा थी जिसने प्रेम में जहर का प्याला तक पी गई थी।वीरता के और शौर्य के क्षेत्र में भी रानी लक्ष्मीबाई और रानी पद्मावती की महान कहानी है।आज भी नारी आगें बड़ रही आज नारी खेल में अपने वतन का नाम रोशन कर रही है।आज की नारी राष्ट्पति भी बन जाती है।आज की नारी रक्षा मंत्री,विदेश मंत्री होती है।
आज नारी को हम कम नही समझ सकते है।
नारी नदियों की तरह चंचल होती है,नारी की भावना कोमल होती है।नारी सच मे आज भगवान है।नारी से ही हर इंसान महान है।नारी पूजा है।नारी आराधना है।नारी है तो ये संसार ये।नारी के बिना सब सुन शान है।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.
9950100169

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