Saturday, March 30, 2019

पत्नी

पति के लियें धर्मपत्नी घर छोड़ आती है।
दुख में वो साथ रहती दूर नही जाती है।
उन सात फेरों के वचनों को वो निभा रही,
जीवन के हर मोड़ पर वो साथ निभाती है।

मेरे हर सुख दुख में वो भागीदार है।
मेरे जीवन को जीने का आधार है।
वो मेरी प्राणप्रिये वो मेरी मनमीत,
वो ही जीवन संगिनि ही मेरा प्यार है।।

पति के लियें धर्मपत्नी घर छोड़ आती है।
दुख में वो साथ रहती दूर नही जाती है।
उन सात फेरों के वचनों को वो निभा रही,
जीवन के हर मोड़ पर वो साथ निभाती है।

मेरे हर सुख दुख में वो भागीदार है।
मेरे जीवन को जीने का आधार है।
वो मेरी प्राणप्रिये वो मेरी मनमीत,
वो ही जीवन संगिनि ही मेरा प्यार है।।

*PKS प्रतियोगिता के लिए अतिथि  रचना-*
दिनाँक 4/4/19
दिन : गुरुवार
विषय :पत्नी
विधा: अतुकांत कविता

जब से वो मेरी दुनिया मे आई
जीवन,जीवन हो गया।
जीवन का सफर ऐसा चला
पता नही जीवन कब पूरा हो गया।
हर सुख दुख में वो मेरे साथ रही
जीवन के पथ पर कभी अकेला नही
होने दिया।
एक हाथ मे हाथ रख मेरा सहारा बना रही।
रिश्तों के बंधन का धागा
जिसमे प्रेम,स्नेह से बांधा था
वो धागा विश्वास से आज और मजबूत हुआ।
मेरे संघर्स पथ पर जीवनसाथी बन कर
हर पर मेरा साथ निभाया ।
मेरे जीवन के रास्ते उनसे सुंदर बने
मेरे प्यार की अद्भुत अप्रतिम छवि
मेरी अर्धांगनी है
नाम मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.
9950100168

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