Sunday, March 3, 2019

शिव दोहें

शिव शंकर के शीश से,बहती गंगा धार।
डमरू त्रिसूल हाथ मे,नंदी करें सवार।।

साँपो की माला गले,करते भस्म श्रृंगार।
भूत प्रेत दरबार मे,पहना मुंडी का हार।।

भांग,धतूरा,दूध से,करते बाबा स्नान।
अर्पण कर के घी शहद,करते हम सब ध्यान।।

भोले शंकर सत्य है,शिव है भोले नाथ।
काम सफल होता सदा,शिव का होता हाथ।।

देवो के तुम देव है,करते तुम उद्धार।
भोले नाथ नमन करूँ,कर लो तुम स्वीकार।।

बाबा भोले नाथ की,महिमा अपरंपार।
मन से जो पूजा करे,होता बेड़ा पार।।

मोहित जागेटिया

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