Thursday, October 11, 2018

नेता

               "नेता"
जातिवाद की आग में जल रहा है
मेरा  मुल्क  बट बट के चल रहा है
भोली जनता को नेता लूट रहा ,
नेता  के  विश्वास  से  पल  रहा है।

कभी हिन्दू तो कभी मुस्लमान में।
कभी जाट,गुर्जर,कभी इंसान में।
देश मे  नेता  हो कि हद तो देखो,
बाट  रहें  है  ये  कभी भगवान में।।

कभी  देश  मे ये आग   लगाते है।
भाईचारे   का   प्यार   मिठाते  है।
सियासत इतनी गन्दी हो गई अब
नेता  कभी  अपनो  से  लड़ाते है।

मोहित

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