Tuesday, February 19, 2019

आंसू

   'आँसू'
तुम्हारी याद में
हर पल आंसू आ रहें
तुम्हें देखने को ये नजरें
तरस रही।
तुम्हारी चाहत में खुद को
खुद भूल जाता हूँ।
कैसे हर पल बीत रहा
खुद को कैसे समझा हूँ
ओस की बूंद की तरह
आखों पर आंसू है
चेहरे पर नमी रहती
दिल रो रहा
तेरी याद आ रही
मैं खुद को कैसे समालु।

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