"विश्वास'
विश्वास ही वो किरण है
जिसमे सारा प्रकास है।
विश्वास से कोई दूर
विश्वास से ही पास है।
जिन पर ये दुनिया रहती
वो बस हमारी आस है,
भगवान को हम पूजते
वो हमारा विश्वास है।।
ये बन्धन का धागा है
जिसमे प्रेम का वास है।
जिस पर बना है विश्वास
उसका संसार दास है।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.
No comments:
Post a Comment