आज तुम्हारा प्रेम भी अमर हो गया। अमर कहानी का ये सिकन्दर हो गया। मुल्क की मोहब्बत में खुद को मिटा कर, इस वतन की धरा का हमसफ़र हो गया।। मोहित जागेटिया
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