हमेशा ही रहता है मोह माया में ये मन।
उलझी मन की आशा में उलझा सबका ही तन।
स्वार्थ की दुनिया के रास्तें छोड़ कर हम भी अब,
ईमान दिल मे रख कर सुंदर बनाएं जीवन।।
इस जीवन को फूलों की तरह हम भी सजाएं।
रिश्तों को प्रेम के बंधन के संग अपनाएं।
हर दिल मे रखें सबकी भावनाओं का आदर,
मोह माया छोड़ कर जीवन को सफ़ल बनाएं।।
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