गाँव
मैं गाँव का रहने वाला गाँव की बात सुनाता हूँ।
मैं गाँव की मिट्टी की खुशबू शहर ले कर आता हूँ।
गीत गाँव का गाता ,इस मिट्टी ने मुझे पहचान दी,
आज भी गाँव की छांव में सुकून की सांस पाता हूँ।।
गाँव मे आज भी शांत सुकून वातावरण रहता है।
शहर में जाने वाले का गाँव में ही मन रहता है।
कैसे भूल जायें उन कच्चे घर आंगन को आज हम,
जहाँ पर रिश्तों से भरा आंगन खुला गगन रहता है।।
मोहित जागेटिया
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