एक एक पौधों हम लगायें, श्रष्टि का श्रृंगार करें। पौधों से जीवन महक जायें ,ये काम हर बार करें। धरती माता करती पुकार मुझें भी अब तुम बचा लो, पावन धरा पर हम पेड़ लगा ,कर पुण्य सत्कार करें।। मोहित जागेटिया
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