वो करने चले अपने भगवान की साधना। प्राणों का दे कर अर्घ्य करने लगे अर्चना। जा कर चारों धाम समाधि में लीन हो गयें, महादेव की वो आज करने लगे वंदना।। मोहित जागेटिया
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