पिता
पिता मेरी आत्मा है
पिता ही परमात्मा है ।
पिता से हर सपना है
पिता से सब अपना है ।
पिता से ही रास्ता है
पिता ही मेरी आस्ताँ है ।
पिता चाँद है तारे है
पिता मेरे दुलारे है।
पिता पालन है पोषण है।
पिता बिना कभी शोसन है।
पिता ही मेरी वन्दना है
पिता मेरी आराधना है ।
पिता ही माझी ,पतवार है
पिता से ही तो परिवार है ।
पिता से ही संस्कार है
पिता से ही व्यवहार है ।
पिता से मुसीबत का हल है
पिता है तभी मेरा कल है ।
मोहित जागेटिया
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