मेरी चाहत की बातों को
तुमने दिल से माना है,
इस आवारा दिल को तुमने
भी जाना पहचाना है,
दुनिया को खोकर जब मैंने
तेरे दिल को पाया है
तुमसे मिलकर जाना मैंने
दिल कितना दीवाना है।
।। मोहित ।।
No comments:
Post a Comment