हम अपने अंदर के रावण का दहन करे। बुराई को मिटा कर वो शक्ति हम सहन करे । पाप को जला कर भष्टाचार को हटा कर । सत्य पर चलने की वो शक्ति हम भी गहन करे ।मोहित
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