Wednesday, January 25, 2017

कन्या भूर्ण हत्या पर मुक्तक

मेरा क्या कसूर जो बचपन में तुम मुझे मार देते हो ।

में भी तो तुम्हारी हूँ क्यों नही मुझ पर प्यार देते हो ।

बचपन में लड़ती हूँ,जवानी में भी अब बहुत डरती हूँ,

बनती हूँ दुल्हन तो मुझ पर सभी खुशिया वार देते हो ।
          मोहित

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