शब्द से ही में शब्दों की माला बनाता हूँ । शब्द के फूल आपकी चरणों में चढ़ाता हूँ । मुझे देना कभी ऐसे शब्द जिस से आपकी, वन्दना को सब जगह गीत गजल में गाता हूँ । मोहित
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