मेरी गजल
गीत हम पुराने गाते थे।
दिल से ही उन्हें बुलाते थे।
हमेशा उन्ही यादो में थे
उन्हें कभी नही सताते थे।।
प्यार का यही तो नगमा हम
उसे दिल से ही सुनाते थे ।
दिल की गहराइ से भी हम
उसी आचल को लुभाते थे।
प्यार किसी और से किया था
मोहित को यार बनाते थे।।
।। मोहित ।।
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