मेरी शायरी भी उसके बिना अधूरी है। न जाने क्यों ये हमारे बीच तो दूरी है । रहूँ उनसे में तो कितना भी खफा या वफ़ा फिर भी मेरे लिये हो तो बहुत जरूरी है। मोहित
No comments:
Post a Comment