Wednesday, January 25, 2017

सुप्रभात मुक्तक

चाँद गया सूरज आने वाला है।
भोर हुई पंछी जाने वाला है।
तुम भी उठो मेरे दोस्त सुबह है
वक्त तुम को भी जगाने वाला है
   मोहित जागेटिया

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