मेरे शब्दों को अक्षय ने सवारा हैं। जब कभी भी मेने उनको पुकारा है। हम दूर रहते है एक दूजे से कहि फिर भी मेरे प्यार को स्वीकारा है। ।।मोहित ।।
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