कुदरत का कितना
अच्छा नजारा है।
जिधर देखो उधर
कहीं खेत मिलेंगे
कहीं पर रेत मिलेगा।
कहीं पर समतल
व असमतल धरा मिलेगी।
धरा पर खिलते हरे खेत
उपवन, फूल, लता मिलेगी।
इन सबका एक काम है
सबको मुस्कान देना।
कुदरत का कितना
अच्छा नजारा है।
देखो तो कहीं पेड़
पौधे ,पहाड़ मिलेंगे
ये भी जीवन को हर पल
खड़ा रहना सिखाते हैं
कुदरत का कितना
अच्छा नजारा है।
देखो तो कहीं नदियाँ,झरने
समुद्र मिलेगा।
जीवन को ये आगे
बढ़ना सिखाते हैं।
कुदरत का कितना
अच्छा नजारा है।
गगन में चाँद ,सितारे व
सुबह का नई आभा का सूर्य
नये दिन के साथ मिलेगा।
ये कुदरत भी हमको
जीवन जीना सीखा रही है।
Mohit
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