आज मेरे दोस्त के बेटी हुई है तो उसको समर्पित ये मुक्तक
आज चारो और खुशिया छाई होगी।
जब बेटी बन के घर वो आई होगी।
घर का सारा अँधेरा मिट जायेगा,
जब बेटी घर में खुशिया लाई होगी। मोहित
No comments:
Post a Comment