Wednesday, January 25, 2017

उरी हमले पर कविता

मत खेलो तुम खून की होली इसको इल्जाम क्या होगा
मिट जाएगी जान तुम्हारी तुम्हारा नाम क्या होगा।
दुनिया कभी पहचान न पायेगी हाल तुम्हारा होगा
आज तुमको मिटा देयेंगे अंत साल तुम्हारा होगा।

मत खेलो तुम खून की होली इसको इल्जाम क्या होगा
मिट जाएगी जान तुम्हारी तुम्हारा नाम क्या होगा।

बहुत हो चूका है भारत पर तुम्हारा ये अत्याचार
कभी नही देखा होगा देखलों आज हमारा अवतार।
अब न कभी बात होगी अब कभी नही वो मुलाकात होगी
सुन ले अब पाकिस्तान अब तो गोलियों की बरसात होगी।

मत खेलो तुम खून की होली इसको इल्जाम क्या होगा
मिट जाएगी जान तुम्हारी तुम्हारा नाम क्या होगा।

अब तो सुनलो मोदीजी अब पाकिस्तान को छोडना मत
जोड़े पाकिस्तान हाथ तो ,तुम अपना हाथ जोड़ना मत।
आज तुमको भी तो अपना विक्राल रूप दिखाना होगा
मत बनो लाचार दे सेना को आदेश बडाना होगा।

अगर काम ये करते हो इतिहास में हमेशा पाहोगे।
माँ के बेटे बन तुम हमेशा इस धरती पर छा होगे।
अगर इस बार तुम भी हर बार की तरह खामोश रहे तो,
तुम भी इतिहास में कायर प्रधानमन्त्री कहला होगे ।।
   मोहित जागेटिया

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