तू सोच है मेरी जिसे मैं सोचता हूँ दिन रात,
तू आ जा मेरे पास करले फिर से वो ही बात,
मंजिल मुझे मिल जाएगी तेरे आने के बाद,
न आओगे तो होगी मेरी आँखों से बरसात। मोहित
No comments:
Post a Comment