Wednesday, January 25, 2017

तेरी सोच तो सुमन सी लगती है मुक्तक

तेरी हर सोच तो उस गगन सी लगती है।

खिलती अदा तेरी उस पवन सी लगती है।

कैसे न माने तुमको ये हमारी दुनिया ,

तेरी  खुशबू तो मुझे सुमन सी लगती है ।
    मोहित

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