तेरी हर सोच तो उस गगन सी लगती है।
खिलती अदा तेरी उस पवन सी लगती है।
कैसे न माने तुमको ये हमारी दुनिया ,
तेरी खुशबू तो मुझे सुमन सी लगती है । मोहित
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