नव वर्ष 2017
कल जो गया वो कल नहीं आएगा ।
आने वाला कल ही अब छाएगा।
हम कैसे भूले बीते जो कल को
हमने साथ गुजारा उस हर पल को।
नये साल पर अरमान सजायेंगे
नये रिश्तों को आगे बढ़ायेंगे।
नई सोच के साथ ये साल आया
कुछ ख्याल वो तो पुराने भी लाया।
ये तो कल वाली ही सुबह शाम है
आज सोलह गया सत्रह तो नाम है।
जाने वाले साल तुमको विदाई
आने वाले साल तुमको बधाई।
मोहित जागेटिया
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