Wednesday, January 25, 2017

चोर मचा गया शोर कविता

*चोर मचा गया शोर*

रातों में कोई आया,अब
उसकी बाते हो रही है।
चेन वो ले गया
बेचन हमे कर गया।
शायद उसके अरमान
भी अधूरे थे।
सपने झूटे ही मगर
उसके बुरे थे।
रातों में कोई आया,अब
उसकी बाते हो रही है।
किसी के अरमान तोड़ के
अपने अरमान पुरे करने वाले
ऐसे तेरे अरमान कभी पुरे
नही होगे।
अरे दुनिया को लुटने वाले
तू भी एक दिन लूट जायेगा।
जो वेदना तू दे गया उसकी
स्वेदना तुझे न पायेगी।
मोहित

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